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7 Sep 2022 · 1 min read

पति-पत्नि की साधना

पति-पत्नि की साधना

कुछ सालों का छुईमुई सा रिश्ता नहीं ये पति-पत्नि का,

सदियों तक का अनछुआ

पवित्र रिश्ता कायम होता है, पति-पत्नि साधना किया करते हैं, विश्वास की डोर से बंधता है रिश्ता प्यारा सा अहसास गर्भ में मिलता है, सबसे बड़ी जन्नत मिल जाती हमारी ही परछाई का जन्म होता है, प्रेमपूर्वक गुजरती है जिन्दगी यौवनकाल का भी अंत होता है, बच्चे होते बड़े धीरे धीरे उनके यौवन की भी नीवं डलती है, हमारी सी साधना शुरू होती उनकी खुशहाल जीवन की पटरी पर चढती है, हमारी जगह विराजे हमारे बच्चे

यौवन की शुरूआत में जब

पति के हाथ में पत्नि का हाथ होता है, नहीं पता होता दोनों को ही

उम्र के इस पड़ाव तक,

कौन हमारे नसीब में है और कौन हाथों की लकीरों में है.

रब ने बनाया रिश्ता हमारा जो प्यार भरी जंजीरों सा है,

ताउम्र साथ निभाने का वादा सात फेरों के साथ किया करते हैं,

मांग में सिंदूर लगाकर जय

हम वृद्धाकाल में प्रवेश करते हैं, पृथ्वी की तरह ही चलता है हमारा तुम्हारा जीवन चक्र भी, बदलते रहें पात्र और समय स्थिति बनी रहे वही आज भी, आना जाना नियम है प्रकृति का साधना धुरी है इस पवित्र रिश्ते की।

Dr.Meenu Poonia

Language: Hindi
1 Like · 487 Views
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