पति पत्नि की नोक झोंक
पति पत्नि की नोक झोंक
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क्या बताऊं मैं तुमको दोस्तो,
मेरी पत्नि क्या-क्या करती है।
सुबह सुबह रामायण पढ़ती है,
सारे दिन महाभारत करती है।।
जब उससे तू-तू, मैं-मै होती है,
या उससे मेरी हाथापाई होती है।
सारे घर के दरवाजे बंद करके,
वह बेलन से मेरी खबर लेती है।।
व्यस्त रहती है वह मोबाइल पर,
जरा भी उसे फुर्सत न मिलती है।
संगीत की वह बहुत शौकीन है,
सुने बिना उसे चैन न मिलती है।।
करती रहती है बाते रिश्तेदारो से,
उसकी बाते कभी न खत्म होती है।
जब तक दो घंटे बात न कर ले वह,
उसकी रोटी कभी हज्म न होती है।।
जब से हुआ मैं रिटायर बैंक से,
वह चैन मुझे नहीं लेने देती है।
एक काम खत्म होने से पहले,
वह दूसरा काम मुझे दे देती है।।
चल रहा है कोरोना काल अब,
घर से बाहर नहीं जा सकता हूं।
पड़ा रहता हूं सारे दिन घर पर,
किसी से बात नहीं कर सकता हूं।
चलती रहती है जो नोक झोंक,
उसे ही सच्चा प्यार कहते है।
जो रह नही सकते इसके बिना,
उसे ही हम पति पत्नि कहते है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम