पति की आरती
आरती मेरे दिल वर की।दमा दम मसत कलँनदर की।।आज मैं पयार करू दिल खोल।बाजै बाजै डमा ढोल।।मेरे पृरित स्वँमवर की।आरती मेरे दिल वर की।।दो दिलो का एक ही मेल है।पृकृति का अजब खेल है।।ऐसे पति परमेशवर की।।आरती मेरे दिल वर की।।बनी रहे यह जोड़ी .सदा रहे खुश हाल।दो शरीर के बीच मैं खड़ी न हो दिवाल।।ऐसे विचार सदा रखना.. मेरे पृतम वर की।आरती मेरे दिल वर की।।दमा दम मस्त कलंदर की। आरती मेरे दिलबर की।