पता चलने लगा
जब ग़मों का सिलसिला चलने लगा
यहाँ कौन अपना है पता चलने लगा
जुल्म का शिकार तो आवाम होगी ही
हुकूमत में सरफिरों का दबदबा चलने लगा
जब ग़मों का सिलसिला चलने लगा
यहाँ कौन अपना है पता चलने लगा
जुल्म का शिकार तो आवाम होगी ही
हुकूमत में सरफिरों का दबदबा चलने लगा