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31 Jan 2021 · 1 min read

पतथर सा दिल।

झूठे को गले लगाया है।और सत्य को तुमने ठुकराया है।देखो तो अपराधी को .फूलों से कितना सजाया है।जिसमें ईश्वर बसते हैं।उसको तुमनें दरकिनार किया।जा कर अपना मस्तिष्क पथथरो से टकराया है।।सत्य को समझने का कोई पृयास न किया।चापलूसों के चक्कर मे तुमनें अपना समय बरवाद किया।इनसान होकर भी तुमनें दया. धर्म का तयाग किया।।सँमवेदना को अनदेखी कर पतथर सा दिल बना लिया।।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 205 Views
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