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ओसमणी साहू 'ओश'
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21 Feb 2024 · 1 min read
पतझड़
पतझड़
 ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ ̄
टूट रहें है पत्ते एक-एक,
जैसे टूटती उम्मीद हैं।
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