पढ़ना सीखो, बेटी!
अंगुली छोड़कर
चलना सीखो, बेटी!
पूर्वजों से आगे
बढ़ना सीखो, बेटी!
(१)
घर हो या बाहर
ख़तरे कहां नहीं हैं?
हरेक चुनौती से
लड़ना सीखो, बेटी!
(२)
इसी से निकलेगा
मुक्ति का एक मार्ग
सारे काम छोड़के
पढ़ना सीखो, बेटी!
(३)
लोग क्या समझेंगे
तुम्हारी स्थिति को
अपनी कहानी स्वयं
लिखना सीखो, बेटी…
(४)
सावित्रीबाई फुले से
प्रेरणा लेकर
अपने व्यक्तित्व को
गढ़ना सीखो, बेटी…
(५)
राह के पत्थरों को
अब सीढ़ी बनाकर
तुम लगातार ऊपर
चढ़ना सीखो, बेटी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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