पढने का हुनर
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वकालत से जुड़े लोग इच्छा रखते हैं की कोई इंसान कानूनी पचड़ों में पड़े और मेरे पास आये ,चिकित्सा से जुड़े लोग इच्छा रखते हैं की कोई इंसान किसी भी बीमारी से ग्रस्त हो तो मेरे पास आये,कफ़न काठी से जुड़े लोग इच्छा रखते हैं की आज ज्यादा से ज्यादा इंसान अपनी यात्रा पूर्ण करें और मेरा ज्यादा से ज्यादा सामान बिके ,वहीँ एक चोर इच्छा करता है की हे प्रभु ज्यादा से ज्यादा लोगों को धनवान बना जिससे की मैं अच्छी और मोटी चोरियाँ कर सकूं ,अजीब पर सच है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिन्हें आकाश को छूने की ख्वाहिश होती है वो रात्रि में जल्दी सोते और सुबह जल्दी उठते हैं,सूर्योदय के बाद उठने वाले कभी सूर्य की भांति अपना तेज नहीं फैला पाते …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की प्रेम और जिंदगी में उत्तार चढ़ाव -सुख दुःख मान अपमान एक पुल की भांति होते हैं जो इन्हें हँसते हुए सह गया वो साथ निभा जाता है और जो परेशानी के साथ बह जाता है वो बिखर भी जाता है और अपने साथी को भी तनहा कर देता है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की हर व्यक्ति की आँखों और चेहरे पर बहुत कुछ लिखा होता है बस आपको पढने का हुनर आना चाहिए !
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
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