पड़ोसी (छोटी कहानी)
पड़ोसी (छोटी कहानी)
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रमेश बाबू के घर के आगे पड़ोसी का रेता बजरी एक महीने से पड़ा हुआ था। कभी काम कुछ ज्यादा था, कभी कुछ कम था। पड़ोसी का मकान बनता है तो ऐसा होता ही है ।लेकिन रमेश बाबू का धैर्य का बांध टूटने लगा था। रेता बजरी की धूल प्रतिदिन उनके घर के अंदर प्रवेश करती थी और पूरा घर धूल मिट्टी से भर जाता था। कई बार रमेश बाबू के मन में आया कि पड़ोसी से जाकर कहें कि इतना ही सामान मंगाओ जितना 24 घंटे में इस्तेमाल में आ जाए। लेकिन कहीं संबंध खराब न हो जाएं, इस डर से उन्होंने कहा कुछ नहीं ।
लेकिन आज उन्होंने निश्चय कर लिया था कि अगर सामान नहीं हटा तो वह पड़ोसी के पास जाकर जरूर कहेंगे। फिर मन बना कर रमेश बाबू अपने घर पर ही गुस्से में भरकर बैठ गए।
उधर पड़ोसी के मन में कुछ दूसरा ही विचार चल रहा था। कई बार पिछले एक महीने से उसके दिमाग में भी आता था कि हमने इतना सारा सामान रेता आदि मंगा कर रमेश बाबू के घर के आगे डाल रखा है। जबकि अभी अगले आठ-दस दिन तक भी इस सामान का इस्तेमाल नहीं होगा । तो ऐसे में रमेश बाबू को परेशानी तो होती होगी। पड़ोसी भी समझ रहा था कि रमेश बाबू पड़ोसी धर्म को निभाने की वजह से कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। कई बार उसने सोचा कि समान थोड़ा-थोड़ा मंगाया जाए लेकिन दिक्कत यह थी कि थोड़ा-थोड़ा सामान मंगाने में चीज का दाम भी ज्यादा पड़ता था और ढुलाई भी बहुत अधिक थी। इसलिए पैसा बचाने के चक्कर में सामान इकट्ठा मंगाना पड़ोसी को फायदेमंद जान पड़ता था।
लेकिन आज पड़ोसी ने तय कर लिया कि मैं अपना नुकसान ना देख कर केवल रमेश बाबू की दिक्कत को ध्यान में रखूंगा और उनके घर के आगे का सारा सामान हटवा कर जगह साफ कर दूंगा । बस फिर क्या था, पड़ोसी ने मजदूरों से कहा कि सारा सामान हटाओ और बोरों में भरकर निर्माण- स्थल के आसपास जाकर रख दो । मजदूरों ने कार्य आरंभ कर दिया ।
थोड़ी देर बाद रमेश बाबू शिकायत करने के लिए घर के बाहर आए तो देखा कि मुश्किल से एक दो कट्टे रह गए होंगे । पड़ोसी ने रमेश बाबू को देखा तो नमस्ते की और बोला” मैंने सोचा आपके घर के आगे का सारा सामान हटवा कर जगह साफ करवा दूं ताकि आपको कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए”
रमेश बाबू ने मुस्कुराते हुए कहा “ऐसा क्यों सोचते हैं ! पड़ोसी ही पड़ोसी के काम आता है । मकान बनने में यह दिक्कतें तो आती रहती हैं।”
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लेखक :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99976 15451