पठतु संस्कृतं नित्यं वदतु संस्कृतं सदा।
पठतु संस्कृतं नित्यं वदतु संस्कृतं सदा।
कृत्वा जीवनं सरसं सानन्दं भवतु सर्वदा।।
चिन्तयतु संस्कृतं नित्यं लिखतु संस्कृतं सदा।
गायतु संस्कृतं नित्यं सरला सरसा मनोहरा।।
🖋 निकेश कुमार ठाकुर
सं०-9534148597
पठतु संस्कृतं नित्यं वदतु संस्कृतं सदा।
कृत्वा जीवनं सरसं सानन्दं भवतु सर्वदा।।
चिन्तयतु संस्कृतं नित्यं लिखतु संस्कृतं सदा।
गायतु संस्कृतं नित्यं सरला सरसा मनोहरा।।
🖋 निकेश कुमार ठाकुर
सं०-9534148597