देशभक्ति गीत पञ्चचामर छन्द
पञ्चचामर छन्द
121 212 12, 121 212 12
देशभक्ति गीत
उठो जवान हिन्द के, दहाड़ते चले चलो।
विनाश शत्रु का करो, बढ़े चलो बढ़े चलो।।
सुशस्त्र हाँथ में कराल गात ओजसी भरा।
उठो सहर्ष शक्ति से, पुकारती तुम्हें धरा।।
महान देश के सुवीर, शत्रु से लड़े चलो।
विनाश शत्रु का करो, बढ़े चलो बढ़े चलो।।
अजेय शौर्य से सदा, बचाइये स्वदेश को।
सुवीरता दिखाइये, मिटाय देश द्रोह को।।
उतार शीश शत्रु का, सुलक्ष्य पे अड़े चलो।
विनाश शत्रु का करो, बढ़े चलो बढ़े चलो।।
अदम्य शूरवीर देश आन को बचाइये।
सपूत वीर भारती, सुधर्म को निभाइये।।
विशाल हैं पहाड़ वीर जोश में चढ़े चलो।
विनाश शत्रु का करो, बढ़े चलो बढ़े चलो।।
अभिनव मिश्र “अदम्य”