Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2021 · 1 min read

पछतइबू तू

देख लीहअ अपना ये करनी पर
सगरी उमिर पछतईबू तू
सुनके सखियन से चर्चा हमार
हाथ मलके रह जईबू तू
( 1)
हम प्यार के पागलपन में
अपना खून से लिखनी जेके
आज कड़वा लगेला तहके जवन
उहे गीत दोहरईबू तू
(2)
मन होखे चाहे ना बाकिर
दोसरा के दिखावे खातिर
अपना आंखिया में लोरवा भर के
रात-दिन मुस्कुरईबू तू
(३)
अभीन केतना काम बा करेके
फूर्सत नईखे हमरा मरेके
केतना मिलिहें चंदा हमके
दोसर शेखर ना पईबू तू

#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
387 Views

You may also like these posts

हां यही प्यार है
हां यही प्यार है
Sunil Maheshwari
धड़कनों से सवाल रहता है।
धड़कनों से सवाल रहता है।
Dr fauzia Naseem shad
दूध मलाई और खुरचन
दूध मलाई और खुरचन
Nitin Kulkarni
विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रोपाई
रोपाई
Ashok Sharma
मिले मुफ्त मुस्कान
मिले मुफ्त मुस्कान
RAMESH SHARMA
मां से प्रण
मां से प्रण
इंजी. संजय श्रीवास्तव
सारी जिंदगी कुछ लोगों
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
P
P
*प्रणय*
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
Manishi Sinha
पराया हुआ मायका
पराया हुआ मायका
विक्रम कुमार
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
Rituraj shivem verma
याद हाथ को आ गया,
याद हाथ को आ गया,
sushil sarna
"मौन"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
पूर्वार्थ
*मांसाहारी अर्थ है, बनना हिंसक क्रूर (कुंडलिया)*
*मांसाहारी अर्थ है, बनना हिंसक क्रूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
यक्षिणी-11
यक्षिणी-11
Dr MusafiR BaithA
"संवाद "
DrLakshman Jha Parimal
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हे निराकार दिव्य ज्योति
हे निराकार दिव्य ज्योति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
कृष्णकांत गुर्जर
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
सोच और हम
सोच और हम
Neeraj Agarwal
हम भारत के रहने वाले, हमारा भारत महान है।
हम भारत के रहने वाले, हमारा भारत महान है।
जय लगन कुमार हैप्पी
ज़रा मुस्क़ुरा दो
ज़रा मुस्क़ुरा दो
आर.एस. 'प्रीतम'
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
कमी ना थी
कमी ना थी
राकेश पाठक कठारा
हवन
हवन
Sudhir srivastava
Loading...