पग पग दीप करे उजियारा।
पग पग दीप करे उजियारा,
दूर तिमिर अज्ञान रहे
कृपा करें माँ कमला सब पर
भरा अन्न भंडार रहे
पावन होवे मानस सबका
निज मर्यादा मान रहे।
पग पग दीप करे उजियारा
दूर तिमिर अज्ञान रहे।
सदा रहे परहित सर्वोपरि
सर्व धर्म सद्भाव रहे
राह मिले खुशियों की सबको
यथा योग्य सम्मान रहे
पग पग दीप करे उजियारा
दूर तिमिर अज्ञान रहे।
प्रेरक राम बनें जन जन के
ज्यों जननायक राम रहे
राम राह को रोशन करता
दीप सदा गतिमान रहे
पग पग दीप करे उजियारा
दूर तिमिर अज्ञान रहे।