पगडंडियां
थोड़ी संकरी है थोड़े है पत्थर
लेकिन मंजिल पर ले जा रही है
है छोटी सी पगडंडी वो लेकिन
बड़े बड़ों को मंजिल दिखा रही है।।
जीवन की राह में भी होती है कई पगडंडियां
जो पार कर जाता है ये पगडंडियां
मिल जाती है उसे फिर मंजिल अपनी
चलने से उसको वो ऊबड़ खाबड़ पगडंडियां।।
है बाधाएं इसमें, कंटीली झाड़ियां है
है चढ़ाई कहीं और कहीं उतराई है
सीख जाओगे जब चलाना इसपर
यही जीवन की असली पढ़ाई है।।
चलना पड़ता है संभलकर इसपर
लग ना जाए कहीं ठोकर तुम्हें
फिर रह जाओगे सफर में पीछे
क्या मिलेगा समय खोकर तुम्हें।।
है हमारा जीवन भी पगडंडी की तरह
ये उतार चढ़ाव से भरा हुआ होता है
संभल कर चलता है जो इस पर
मंजिल पर वो ही पहुंच पाता है।।
बचकर चलना कंटीली झाड़ियों से
तुम अपने काम से ही काम रखना
भटको ना तुम अपनी राह से कभी
इस बात का हमेशा ध्यान रखना।।
धैर्य और हिम्मत से पार होती है पगडंडियां
ध्यान से चलकर ही पार होती है ये पगडंडियां
माने अगर हम जिंदगी को एक पगडंडी
जीवनपथ पर चलना सीखाती है पगडंडियां।।