पक्ष-विपक्ष का तर्क -वितर्क
१-वो लुटे पिटे हैं पर घुटे हुए हैं,
हैं झूठे नम्बर एक।
हम अच्छे हैं,हम सच्चे हैं,
हैं,हम सेवक नम्बर एक।
दस पांच नही,बीस तीस नही,
है,आधा शतक गवांया,
हमने तो अभि अभी,
चौथा साल बिताया।
जरा सोचो,ये देखो,
क्यों शोर इन्होने मचाया।
छुट गया वह खान पान,
और ठाठ बाट कि माया।
हैं रुठे, हैं बिफरे, वो झूठे नम्बर एक,
हम सच्चे,हम अच्छे, हम सेवक नम्बर एक।
राजशाही से मुक्ति पाई ,तो वंशवाद बढाया,
इनकी कतार में वही खडा है,
जिसने कुनबा अपना बढाया।
हमे परिवार से है परहेज,
यह दोनो बार दिखलाया,
अटल बिहारी बाजपयी,और नरेन्द्र भाइ को
पी एम हमने बनाया।
हम सच्चे,हम अच्छे,हम सेवक नम्बर एक,
वो रुठे,हैं टुटे,वो झूठे नम्बर एक।
२-हम अच्छे थे,हम अच्छे हैं
हम रहेंगे हर दम अच्छे।
वो झूठे हैं,फरेबी हैं,
और हैं जुमले बाज,
बस बातों ही बातों में,
गुजार दिये चार साल।
क्या किया है,क्या करेंगे,
हम पुछते यही सवाल।
सूचना का अधिकार हम लाये,
शिक्षा का अधिकार दिलाया,
रोजगार का अधिकार हम लाए,
भोजन का भी अधिकार दिलाया।
क्या हुआ जो हो गया,हमसे गडबड झाला,
इतना कुछ किया था हमने,
और जनता ,तुमने यह क्या कर डाला।
कर दिया देखो बन्टाधार,
पर फिर भी हम आश्वस्त हैं,लगेगी नया पार।
हम अच्छे थे,हम अच्छे हैं,हम रहेंगे हरदम अच्छे,
वो झूठे हैं,फरेबी हैं,और हैं जुमले बाज।
वह अपने मन की बात कहें,
करें भी अपने मन का काम,
गैस,पैट्रोल,और डीजल ईधन के
हैं बढाते दाम,
ठौर नही है इस महगाइं का,
छीन गया सुख चैन,व आराम ।
है वक्त अभि भी,सम्भल सको जो,
तो,दे दो इन्हे विश्राम ।
हम अच्छे थे,हम अच्छे हैं,हम रहेंगे हरदम अच्छे,
वो झूठे हैं,फरेबी हैं,और हैं जुमले बाज।