!!!पंथ – सुपंथ ही अपनाएंगे !!!
इसको उसको और किस-किस को,
मितवा हम समझाएंगे।
दौड़ रहे सब अपनी धुन में,
समझ कौन? हमें पाएंगे।।
सद राहों के राही हम तो,
पंथ सुपंथ ही अपनाएंगे।
चलना होगा साथ जिन्हें वे,
स्वयं साथ में आएंगे।।
वादा बस इतना कर सकते हैं,
हम उनका साथ निभाएंगे।
चाहेंगे वे जैसा हमसे,
देते वैसा ही जाएंगे।।
फर्ज से न घबराएंगे,
कर्तव्य पथ पर देनी पड़ी तो,
जान भी दे जाएंगे।।
सच्चे राही अच्छे पथ को,
भूल कभी नहीं पाएंगे।
स्वीकार करो आमंत्रण हमारा ,
संग संग अनुनय चलते जाएंगे।।
राजेश व्यास अनुनय