Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2019 · 1 min read

पंथी गीत सत ज्ञानी बनो जी

पंथी गीत:सत ज्ञानी बनो जी

सतधारी बनो जी ….2
सत ज्ञानी बनो जी …….2
ज्ञान ल पाके ……
गुरुज्ञानी बनो जी ।

चरण कुंड ला संगी,देखे चला जाबो जी …
देखे चला जाबो…… 2
पाप के धुर्रा ल ,पानी म बहाबो जी…
पानी म बहाबो ……..2

सतधारी बनो जी………

अमृत कुंड ल संगी,देखे चला जाबो जी
देखे चला जाबो…….2
अमृत कुंड के पानी पीके,पियास ल बुझाबो जी…
पियास ल बुझाबो…..2

सतधारी बनो जी……..

छाता पहाड़ ल संगी, देखे चला जाबो जी….
देखे चला जाबो ……2
गुरु बाबा के चरन म, माथे ल नवाबो जी
माथे ल नवाबो …..2

सतधारी बनो जी ….2
सत ज्ञानी बनो जी ……2
ज्ञान ल पाके ,
गुरु ज्ञानी बनो जी…….
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचनाकार- डिजेंद्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना , बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*धन का नशा रूप का जादू, हुई शाम ढल जाता है (हिंदी गजल)*
*धन का नशा रूप का जादू, हुई शाम ढल जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
नवतपा की लव स्टोरी (व्यंग्य)
नवतपा की लव स्टोरी (व्यंग्य)
Santosh kumar Miri
इस दुनिया में कई तरह के लोग हैं!
इस दुनिया में कई तरह के लोग हैं!
Ajit Kumar "Karn"
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
चित्रकार
चित्रकार
Ritu Asooja
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
अच्छी तरह मैं होश में हूँ
अच्छी तरह मैं होश में हूँ
gurudeenverma198
देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...!
देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...!
पंकज परिंदा
!! पर्यावरण !!
!! पर्यावरण !!
Chunnu Lal Gupta
दृष्टा
दृष्टा
Shashi Mahajan
''फ़ासला बेसबब नहीं आया,
''फ़ासला बेसबब नहीं आया,
Dr fauzia Naseem shad
रमेशराज के दो मुक्तक
रमेशराज के दो मुक्तक
कवि रमेशराज
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
पूर्वार्थ
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
"अपेक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
Neeraj kumar Soni
आ जाओ
आ जाओ
हिमांशु Kulshrestha
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
Ranjeet kumar patre
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
Harminder Kaur
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
Manisha Manjari
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
Neelam Sharma
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
हंसना - रोना
हंसना - रोना
manjula chauhan
हम सब की है यही अभिलाषा
हम सब की है यही अभिलाषा
गुमनाम 'बाबा'
एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई
Basant Bhagawan Roy
Loading...