पंडित मदनमोहन मालवीय
सबके बने रहे आत्मीय
पंडित मदनमोहन मालवीय
सत्य,दया, न्याय, धर्मवीर
संयमी,उत्साही,त्यागी,वीर
रेल, जेल और जलयान में
हर जगह रहे प्रभु ध्यान में
शास्त्रीय संगीत,व्यायाम शिक्षा
न रही कभी धन की इच्छा
भारतीय वेशभूषा थे मृदुभाषी
प्रणेता हिन्दू विश्वविद्यालय काशी
मर्यादा,अभ्युदय के सम्पादक
संस्थाओं के जनक संचालक
भारत रत्न से सम्मानित हुए
महामना से विभूषित हुए।
ऐसे देवता को याद करते हैं
जन्म लें फिर फरियाद करते हैं।
नूर फातिमा खातून “नूरी” (शिक्षिका)
जिला – कुशीनगर
उत्तर प्रदेश