पंजाब की तो बात ही निराली है
पांच नदिया बहती है जिसमें
वो पावन भूमि जैसे एक थाली है
पंजाब की तो बात ही निराली है
अमृतसर का अमृत सर है
गुरुग्रंथ का यह पावन घर है
गुरुवाणी का प्रभाव सब पर है
भाषा तो मानो शहद की प्याली है
पंजाब की तो बात ही निराली है
भांगडा़ , गिद्दा सब की शान हैं
दसों गुरुओं पर जन-जन को अभिमान है
किसानों की आन खेत खलिहान हैं
लोहड़ी , होली , दशहरा और दिवाली है
पंजाब की तो बात ही निराली है