“पंछी”
विधा – हाइकु
विषय – पंछी
दिल है पंछी
चाहे उड़ना यह
दीर्घ नभ में
कर न कभी
क़ैद किसी पंछी को
दो दया दान
आस का पंछी
मृगतृष्णा का जाल
सजाए ख़्वाब
बनके पंछी
छोड़ कर व्यथाएँ
उड़ आकाश
रिश्तों का पंछी
मोह का है पिंजरा
ये है जीवन
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रेखा श्रीवास्तव
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)