Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2021 · 1 min read

पंच परमेश्वर (लघुकथा)

पंच परमेश्वर (लघुकथा)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
“पंच परमेश्वर” मुकदमे की सुनवाई के लिए बैठे थे । पहला दिन था । ढेर-सारे सवाल-जवाब हुए ।
सुनवाई जब अगले दिन के लिए स्थगित हुई तो रामू ने अपने पक्ष के लोगों से कहा “यह पंच परमेश्वर तो हमारी बात सुनना ही नहीं चाहते ,क्या कारण है ? ”
रामू के बगल में खड़े एक शुभचिंतक ने जवाब दिया “पंच परमेश्वर सुनवाई से पहले ही अपना मन बना चुके हैं ।”
सुनकर रामू ने गहरी साँस ली और कहा “तो फिर सुनवाई का नाटक कैसा ? काहे के पंच परमेश्वर ? ”
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
लेखक : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
singh kunwar sarvendra vikram
भजन- कावड़ लेने आया
भजन- कावड़ लेने आया
अरविंद भारद्वाज
कवि -प्रेयसी
कवि -प्रेयसी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बुंदेली चौकड़िया-पानी
बुंदेली चौकड़िया-पानी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्यार मेरा बना सितारा है --
प्यार मेरा बना सितारा है --
Seema Garg
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"हम सभी यहां दलाली कर रहे हैं ll
पूर्वार्थ
जन अधिनायक ! मंगल दायक! भारत देश सहायक है।
जन अधिनायक ! मंगल दायक! भारत देश सहायक है।
Neelam Sharma
पिताजी हमारे
पिताजी हमारे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
तेरा होना...... मैं चाह लेता
तेरा होना...... मैं चाह लेता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
- तेरी चाहत में -
- तेरी चाहत में -
bharat gehlot
हम  चिरागों  को  साथ  रखते  हैं ,
हम चिरागों को साथ रखते हैं ,
Neelofar Khan
यह जीवन
यह जीवन
surenderpal vaidya
"ये दुनिया है"
Dr. Kishan tandon kranti
सवाल यह है
सवाल यह है
gurudeenverma198
बाण मां सू अरदास
बाण मां सू अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आज दिवस है  इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
आज दिवस है इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
sushil sarna
प्रेम के मायने
प्रेम के मायने
Awadhesh Singh
4746.*पूर्णिका*
4746.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
Neeraj Agarwal
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
“मिल ही जाएगा”
“मिल ही जाएगा”
ओसमणी साहू 'ओश'
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
Sarfaraz Ahmed Aasee
मृगनयनी सी आंखों में मेरी सूरत बसा लेना,
मृगनयनी सी आंखों में मेरी सूरत बसा लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Arvina
रिश्ता ख़ामोशियों का
रिश्ता ख़ामोशियों का
Dr fauzia Naseem shad
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
*प्रणय*
है बुद्ध कहाँ हो लौट आओ
है बुद्ध कहाँ हो लौट आओ
VINOD CHAUHAN
छंद मुक्त कविता : बुद्धि का उजास
छंद मुक्त कविता : बुद्धि का उजास
Sushila joshi
Loading...