Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2024 · 1 min read

दोहा

धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
मन अपना आकाश हो, सागर जैसी सेज।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all
You may also like:
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
कभी जब आपका दीदार होगा
कभी जब आपका दीदार होगा
सत्य कुमार प्रेमी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#भूली बिसरी यादे
#भूली बिसरी यादे
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
ध्यान एकत्र
ध्यान एकत्र
शेखर सिंह
माँ मेरी जादूगर थी,
माँ मेरी जादूगर थी,
Shweta Soni
जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
3814.💐 *पूर्णिका* 💐
3814.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक एहसास
एक एहसास
Dr. Rajeev Jain
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
मुस्कान
मुस्कान
Santosh Shrivastava
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
sushil sarna
नियत और सोच अच्छा होना चाहिए
नियत और सोच अच्छा होना चाहिए
Ranjeet kumar patre
*वह महासमर का नायक है, जो दुश्मन से टकराता है (राधेश्यामी छं
*वह महासमर का नायक है, जो दुश्मन से टकराता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
🎊🏮*दीपमालिका  🏮🎊
🎊🏮*दीपमालिका 🏮🎊
Shashi kala vyas
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
मौन
मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
घटा घनघोर छाई है...
घटा घनघोर छाई है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तू भी इसां कहलाएगा
तू भी इसां कहलाएगा
Dinesh Kumar Gangwar
अंधा वो नहीं होता है
अंधा वो नहीं होता है
ओंकार मिश्र
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
Sonam Puneet Dubey
शीर्षक - जय पितर देव
शीर्षक - जय पितर देव
Neeraj Agarwal
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
Manisha Manjari
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
Phool gufran
*इस कदर छाये जहन मे नींद आती ही नहीं*
*इस कदर छाये जहन मे नींद आती ही नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"धरती गोल है"
Dr. Kishan tandon kranti
■ एक शेर में जीवन दर्शन।
■ एक शेर में जीवन दर्शन।
*प्रणय प्रभात*
इंसानियत
इंसानियत
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...