पंचयति
अयलीह काकी
भरि दूअ झोरा
समाद आ सनेस
सनाते बाटे
सोझे आऽ आगे
पंचायत गामक
राजनीतिज्ञ
गली मे देखलहुँ
मात्र एक दिन
पहिने -पहिल
बनर-बानर
संग खेल
ताँकू अखने
बंद भऽ गेल
हमर घर-घर
इंद्रधनुष
धर्म मानुस
अनमंत्रित अति
घरक सब
ओहि दिनक बाद
सकल समस्त परिवार !