पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल “हृद
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल “हृदय” ही एक ऐसा अंग है जो निरन्तर कार्यरत रहता है।
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल “हृदय” ही एक ऐसा अंग है जो निरन्तर कार्यरत रहता है।