पंख कतर डाले हैं
डूबे हुए जहान का हाय मैं कैसा बशिंदा हूं
कहां जाऊं मैं कैसे जाऊं बेबस सा परिंदा हूं
उड़ने लगा हूं ये देखकर मुझको जकड़ लिया
पंख कतर डाले मेरे बस कहने को जिंदा हूं
डूबे हुए जहान का हाय मैं कैसा बशिंदा हूं
कहां जाऊं मैं कैसे जाऊं बेबस सा परिंदा हूं
उड़ने लगा हूं ये देखकर मुझको जकड़ लिया
पंख कतर डाले मेरे बस कहने को जिंदा हूं