Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2022 · 1 min read

पंखों को तौल जरा …

जो भी है तेरे मन में,
वो बोल दे जरा।
खामोश न रह ,
बेखौफ बोल जरा।
जो भी विषमताएं है ,
जीवन में अधिक या जरा जरा ।
तू खुल के विस्तार में ,
सब बोल तो दे जरा ।
उमंगे हैं चाहतें हैं,आशाएं है ,
सारी अभिलाषाओं को ,
पहले एक सूत्र में पिरो तो जरा ।
फिर उसके बाद अपने परों को ,
उड़ान हेतु तौल जरा ।
अभी तो कई आसमान छूने हैं तुझे ,
तू अपने आत्मविश्वास की शक्ति को ,
जगा जरा।
हौंसला है अगर जीवन में कुछ कर ,
दिखाने का,
तो अपनी चेतना की अलख जगा जरा ।
उन्मुक्त गगन में उड़ना है तो ,
पंखों को अपने तौल जरा ।

Language: Hindi
512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

सरल स्वभाव मीठी वाणी
सरल स्वभाव मीठी वाणी
Ritu Asooja
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
4755.*पूर्णिका*
4755.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटियां / बेटे
बेटियां / बेटे
Mamta Singh Devaa
गजल
गजल
डॉ.सतगुरु प्रेमी
सैनिक
सैनिक
Dr.Pratibha Prakash
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
मन में हलचल सी उठे,
मन में हलचल सी उठे,
sushil sarna
Life we love you
Life we love you
Dr Archana Gupta
आखिर वो माँ थी
आखिर वो माँ थी
Dr. Kishan tandon kranti
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
संत गुरु नानक देव जी
संत गुरु नानक देव जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पलकों ने बहुत समझाया पर ये आंख नहीं मानी।
पलकों ने बहुत समझाया पर ये आंख नहीं मानी।
Rj Anand Prajapati
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
Atul "Krishn"
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
भारत देश हमारा है
भारत देश हमारा है
Arvind trivedi
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कोशिश
कोशिश
Chitra Bisht
विजय - पर्व संकल्प
विजय - पर्व संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
Ravi Prakash
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
बेचो बेचो सबकुछ बेचो
बेचो बेचो सबकुछ बेचो
Abasaheb Sarjerao Mhaske
घृणा के बारे में / मुसाफ़िर बैठा
घृणा के बारे में / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*सम्मान*
*सम्मान*
नवल किशोर सिंह
..
..
*प्रणय*
कर्म से कर्म परिभाषित
कर्म से कर्म परिभाषित
Neerja Sharma
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
Shashi kala vyas
Loading...