न शरमाएँगे दुनिया से
न शरमाएँगे दुनिया से सुबह को शाम कह देँगे
जो नफरत के पुजारी हैँ वो दिन को रात कह देँगे
किसी की लाश पर तुम फूल भी रखना तो चुपके से
नहीँ तो प्यार के दुश्मन उसे भी प्यार कह देँगे
न शरमाएँगे दुनिया से सुबह को शाम कह देँगे
जो नफरत के पुजारी हैँ वो दिन को रात कह देँगे
किसी की लाश पर तुम फूल भी रखना तो चुपके से
नहीँ तो प्यार के दुश्मन उसे भी प्यार कह देँगे