न रखिए
रूठिए कम बेकारी के दौर में ,कोई मना लेगा ये खयाल न रखिए।
कम जानिए अपनी बेहतरी के लिए ,किसी से कोई सवाल न रखिए।
मैंने देखा है लोगों को बहुत करीब से,
वाकया ये भी चल रहा है , कि अब सोच कमाल न रखिए।
-सिद्धार्थ पाण्डेय
रूठिए कम बेकारी के दौर में ,कोई मना लेगा ये खयाल न रखिए।
कम जानिए अपनी बेहतरी के लिए ,किसी से कोई सवाल न रखिए।
मैंने देखा है लोगों को बहुत करीब से,
वाकया ये भी चल रहा है , कि अब सोच कमाल न रखिए।
-सिद्धार्थ पाण्डेय