Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2019 · 1 min read

न मै कवि न शायर हूँ….

न मै कवि हूँ न शायर हूँ
न उम्दा लिखने लायक हूँ
शब्दों के साथ खेलता हूँ
अक्सर मन के भाव को
कागज पर उकेरता हूँ
लिखने का रोग है मुझको
रोज खुद को टटोलता हूँ
कभी कभी आधी रात को भी
अपनी नींद को कर किनारे
खुद के सवालों मे खुद को घेरता हूँ
हाँ थोड़ा सा अजीब है शब्दों मे
न तहजीब है न तमीज है
बात जब सही और गलत की हो
तो फिर लेखन भी मेरा हो जाता
थोड़ा बदतमीज है
नारी के अस्तित्व पर सवाल उठाता है
उसकी खूबसूरती पर ग्रंथ लिखा जाता है
तू ही बता कितनी बार तू उसके
दूसरे पहलू को दर्शाता है
गरीब पर व्यंग बनाता है
कभी उसकी मदद को जाता है
मंदिर मे प्रसाद चढ़ाता है लेकिन कभी
बाहर बैठे भूखे को खाना खिलाता है
सही और गलत की बात करता है तू
कभी खुद के गिरेबां मे झाँका है
ओ इंसा तू तो सब कुछ जानकर भी
हमेशा अंजान बनना ही चाहता है……….

#अंजान……

Language: Hindi
578 Views

You may also like these posts

डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
लड़ाई बड़ी है!
लड़ाई बड़ी है!
Sanjay ' शून्य'
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
बातों को अंदर रखने से
बातों को अंदर रखने से
Mamta Rani
छंदहीनता
छंदहीनता
Rambali Mishra
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
Anil chobisa
सफरसाज
सफरसाज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अध्यापक दिवस
अध्यापक दिवस
SATPAL CHAUHAN
जो पास है
जो पास है
Shriyansh Gupta
खत्म हुआ है दिन का  फेरा
खत्म हुआ है दिन का फेरा
Dr Archana Gupta
प्रेम की दास्तां
प्रेम की दास्तां
Pushpa Tiwari
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
Dr fauzia Naseem shad
everyone run , live and associate life with perception that
everyone run , live and associate life with perception that
पूर्वार्थ
दिल चेहरा आईना
दिल चेहरा आईना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पहला प्यार
पहला प्यार
Dipak Kumar "Girja"
23/142.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/142.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
अनुराग दीक्षित
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
जन-जन प्रेरक बापू नाम
जन-जन प्रेरक बापू नाम
Pratibha Pandey
"गुलामगिरी"
Dr. Kishan tandon kranti
"सूखे सावन" का वास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ "अंधों" से ही होता है।
*प्रणय*
मेरी खामोशी
मेरी खामोशी
Sudhir srivastava
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
आभार🙏
आभार🙏
पं अंजू पांडेय अश्रु
विषय-मेरा जीवनसाथी।
विषय-मेरा जीवनसाथी।
Priya princess panwar
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...