न मैं हूं न तुम हो
त्रुटि रहित न मैं हूँ, न तुम हो,
दोनों मनुष्य हैं, भगवान
न मैं हूँ, न तुम हो
परस्पर हम दोष देते हैं, एक
दूसरे को, पर अपने अंदर
झाँकता न मैं हूँ,न तुम हो।
भ्रम ने पैदां कर दी मनुष्यों में
दूरियाँ, पर सच में बुरा
न मैं हूँ, न तुम हो..
इसी सुविचार के साथ आपको प्रणाम
खुश रहें स्वस्थ रहें मस्त रहें बिंदास रहें
सुनील पुष्करणा