न में हां
वह कई बार इलाज के लिए मेरे पास लाया जा चुका था ना ही उसकी बीमारी ठीक हो रही थी और ना वह अत्यधिक शराब पीना छोड़ रहा था । मेरी सलाह वे लोग उसे एक बड़े नशा मुक्ति केंद्र में भी कुछ माह रख कर देख चुके थे । चूंकि वे लोग संपन्न एवं धनाढ्य परिवार से थे अतः कुछ माह उसी नशा मुक्ति केंद्र द्वारा प्रदत्त दो सुरक्षा कर्मियों के संरक्षण में भी उसे रखा जो इस बात के लिए डंडा लेकर उसके साथ चौकीदार बन कर चलते थे कि जिससे वह शराब ना पिए। फिर एक बार मैंने उसके साथ आए लोगों से एवं उसकी मां से कहा कि मैं इसकी पत्नी से मिलना चाहता हूं , तब उसकी मां बोली अरे अपनी पत्नी के ही कारण दुखी होकर तो यह शराब पीता है , यह सब किया धरा उसी की वजह से है । वह किसी भी भांति अपने पुत्र के आचरण में ग़लती मानने को तैयार नहीं थी , फिर भी मेरे बार बार कहने पर एक बार उसकी पत्नी आकर मिली । सादे लिबास में वह उदास एवम शांत लग रही थी । मैंने उसे अलग बुलाकर पूछा ये इतनी शराब पीते हैं क्या आपने इनको कभी रोका या मना नहीं किया या आपको पता नहीं चलता कि ये कब शराब पी लेते हैं ?
वह बोली डॉक्टर साहब मेरी हालत उन लोगों जैसी हो गई है जो किसी हड्डी के कारखाने के निकट रहते हैं , इनके पास से हर समय शराब की बदबू आती रहती है , तो मुझे यह कैसे पता चले ? मैं तो आदी हो गई हूं मुझे अब कोई खुशबू बदबू का पता नहीं चलता और अब ये मुझसे कोई सम्बन्ध नहीं रखते , न ही मेरी सुनते हैं तो मैं इन्हें क्या और कैसे मना करूं ।
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इसी प्रकार एक दिन एक स्त्री एवं पुरुष मिलकर मुझ से परामर्श लेने आए दोनों ने अपना पर्चा बनवाया और एक-एक करके दोनों के परीक्षण एवं प्रश्न करने के बाद मुझे पता चला कि वह पुरुष एक रेलवे से रिटायर्ड गार्ड साहब हैं एवम नौकरी के चक्कर में हमेशा अपने परिवार से दूर ही रहे इस पर भी उनकी एक पत्नी से उनके 5 बच्चे थे उनका परिवार हमेशा से गांव में रहता था और वह शहर में रहकर अपनी ड्यूटी करते रहे तथा शायद अकेलापन दूर करने के लिए शराब पीते रहते थे और शराबी बन चुके थे । अतः उन्हें अब शहरी और शराबी जीवन रास आ गया था तथा वापस अपने परिवार के पास रिटायरमेंट के बाद गांव जाने के लिए तैयार नहीं थे और उसी शहर में एक घनी मलिन बस्ती में एक छोटा सा किराए का मकान लेकर रहते थे । उस महिला ने बताया कि इसी शराब ने उसका परिचय इन गार्ड साहब से कराया था ।अपनी तमाम अजीबो-गरीब तकलीफ बताने के बाद उन लोगों ने बताया कि अब हम लोग उस किराए के मकान में एक साथ ही रहते हैं तथा अब मैं गार्ड साहब के साथ ही रहने लगी हूं , इन्होंने मुझसे शादी नहीं की है ।उनकी बातों के अनुसार वह लोग अब शराब पी कर रोज लड़ाई झगड़ा करते थे एवं मारपीट करते थे । मेरे पूछने पर एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए वे मेरे सामने ही झगड़ने लगे तथा एक दूसरे पर एक दूसरे से ज्यादा शराब पीने का आरोप लगाने के बाद बोले कि यह ज्यादा पीती है तो वह बोली गार्ड साहब ज्यादा पीते हैं और आपस में मार पीट करते हैं । यह कहकर दोनों अपनी अपनी यत्र तत्र लगी चोटों के नीलगू निशान मुझे दिखाने लगे ।
मैंने कहा आप दोनों एक दूसरे को शराब पीने के लिए मना नहीं करते हैं ?
तो वे एक साथ बोले –
‘साहब इसी शराब ने ही तो हम दोनों को मिलवाया है ‘ ।
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एक बार किसी अन्य व्यक्ति को कुछ लोग इलाज के लिए लेकर आए थे उसे शराब पीने के बाद से पेट दर्द एवं अत्याधिक उल्टियां हो रही थी उन्होंने बताया किअत्यधिक शराब पीने से उसकी यह हालत हो गई है मैंने उसका परीक्षण कर इलाज शुरू कर दिया फिर मैंने उसकी पत्नी से कहा कि इतनी शराब आपने इनको कैसे पीने दी , मना नहीं किया ?
वह बोली
डॉक्टर साहब पिछले तीन दिन से यह लगातार गन्ने की ट्राली भरने का कार्य कर रहे थे , कल शाम इन्होंने मुझसे कहा
‘ पी लूं ?’
और इसलिए मैंने भी इनको कह दिया
‘ पी लो ! ‘
अपने पति के प्रति उसकी उदारता से मैं अभिभूत था ।
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ये सभी अपनी इन परिस्थितियों से असहमत होने के बाद भी उन्हें स्वीकार रहे थे।