Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
VINOD CHAUHAN
129 Followers
Follow
Report this post
16 Oct 2024 · 1 min read
न मंजिल है कोई न कोई डगर
न मंजिल है कोई न कोई डगर
सफर पे हूँ मैं बेसफर हूँ मगर
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 37 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from VINOD CHAUHAN
View all
कलम की जुबां से
Vinod Chauhan
गूँजते अल्फ़ाज़
Vinod Chauhan
मैं तो महज......... हूँ
Vinod Chauhan
You may also like these posts
नीव मजबूत नही होती अगर
Harinarayan Tanha
लड़के हमेशा खड़े रहे
पूर्वार्थ
आंसुओं की तौहीन कर गया
Mahesh Tiwari 'Ayan'
गुलाब
Shutisha Rajput
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
प्रत्याशा
Omee Bhargava
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
Shinde Poonam
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी तुझसे हार गया
Anant Yadav
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शब्दहीन स्वर
Jai Prakash Srivastav
संदेशे भेजूं कैसे?
Manisha Manjari
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
दीदार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Chaahat
एक छोटी सी आश मेरे....!
VEDANTA PATEL
श्रंगार
Vipin Jain
महका है आंगन
surenderpal vaidya
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
Dr. Man Mohan Krishna
-: काली रात :-
Parvat Singh Rajput
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
DrLakshman Jha Parimal
अब हाल अपना
हिमांशु Kulshrestha
कविता
Rambali Mishra
4192💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*मौन की चुभन*
Krishna Manshi
गलती सदा न दाल
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
कही दूर नहीं हो ,
Buddha Prakash
■ शिक्षक दिवस पर एक विशेष कविता…।
*प्रणय*
Loading...