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26 Jun 2024 · 1 min read

न बोले तुम

न बोलें तुम न मैंने कुछ कहा।
दर्द अश्क बनकर आंख से बहा।

अल्फाज़ तो खामोश रहे हमारे
अहसासों ने बहुत कुछ कहा।

इक मुद्दत के बाद मिले हो तुम
पुछो ,कैसे दर्द ए जुदाई है सहा।

सुन रहा है दिल,दिल की आहटें
और कुछ ये अब सुनने से रहा।

बेदर्द दुनिया ने मिलने नहीं दिया
कैसे कहें जुदाई का कहर था ढहा।
सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 63 Views
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