न टूटे संवाद
टिकी है
संवादों पर
दुनियाँ
सच्चे
संवाद देती हैं
खुशियाँ
बने रहे
परिवार में
आपसी संवाद
होंगे आपस में
दूर मतभेद ,
बढ़ेगा प्यार
माता पिता
रखें संवाद
बच्चों से
होंगे नहीं
वे कभी
गुमराह
मतभेद
हो भले
नहीं हों
मनभेद
कभी
सिलसिला
संवादों का
टूटे न
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल