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2 Sep 2022 · 1 min read

*न जिंदा हैं न मुर्दा हैं (मुक्तक)*

न जिंदा हैं न मुर्दा हैं (मुक्तक)
___________________________
किसे मालूम है किसको, यहॉं कितने बरस जीना
अभी आ मौत जाए या, शरद के रंग सौ पीना
कठिन सबसे अधिक लेकिन, अगर तन अधमरा पाया
न जिंदा हैं न मुर्दा हैं, इसी ने चैन सब छीना
—————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
1 Like · 401 Views
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