*न जाने रोग है कोई, या है तेरी मेहरबानी【मुक्तक】*
न जाने रोग है कोई, या है तेरी मेहरबानी【मुक्तक】
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न जाने रोग है कोई, या है तेरी मेहरबानी
पुरानी बात चाहे जो हो, वह अब भूल ही जानी
नए अब लोग मिलते हैं, नई सारी मुलाकातें
नहीं अब राह जीवन की, रही कुछ जानी-पहचानी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451