Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2022 · 1 min read

*न जाने मौत कब आए (भक्ति-गीतिका)*

न जाने मौत कब आए (भक्ति-गीतिका)
—————————————
(1)
भरोसा जिन्द‌गी का क्या ,न जाने मौत कब आए
दिखा दो अपना मुखड़ा तो ,सफल यह जन्म हो जाए
(2)
ख्यालों में तो तुमसे रोज ,होती हैं मुलाकातें
तुम्हारा चेहरा अब तक ,नहीं पहचान हम पाए
(3)
तुम्हारे इश्क में पड़कर ,यह दुनिया छोड़ दी हमने
हमें मस्ती-नशे का अर्थ ,अब कोई न समझाए
(4)
सुना है हम अमर आत्मा हैं, मालिक अंश तुम्हारे
कभी कोई जरा अनुभूति ,हमको भी तो करवाए
(5)
हजारों जन्म की यात्रा में ,पाया बस अधूरापन
हमेशा चूक ही पाई ,रहे आखिर में पछताए
—————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

271 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
Dr. Vaishali Verma
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
Neelam Sharma
अंधेरे में छिपे उजाले हो
अंधेरे में छिपे उजाले हो
नूरफातिमा खातून नूरी
रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी,
रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी,
पूर्वार्थ
Tu chahe to mai muskurau
Tu chahe to mai muskurau
HEBA
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
Dushyant Kumar
राम भजन
राम भजन
Rajesh Kumar Kaurav
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
जगदीश शर्मा सहज
Sometimes a thought comes
Sometimes a thought comes
Bidyadhar Mantry
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
Harminder Kaur
कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
Shweta Soni
बोनूसाई  पर  दिखे, जब जब  प्यारे  सेब ।
बोनूसाई पर दिखे, जब जब प्यारे सेब ।
Neelofar Khan
2972.*पूर्णिका*
2972.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
https://j88tut.com
https://j88tut.com
j88tut
तुम ही हो
तुम ही हो
Arvina
थोड़ा राज बनकर रहना जरूरी हो गया है दोस्त,
थोड़ा राज बनकर रहना जरूरी हो गया है दोस्त,
P S Dhami
शिक्षक (बाल कविता)
शिक्षक (बाल कविता)
Ravi Prakash
जीवन दर्शन
जीवन दर्शन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
गंगा मैया
गंगा मैया
Kumud Srivastava
पाने की चाहत नहीं हो
पाने की चाहत नहीं हो
Sonam Puneet Dubey
मरना क्यों?
मरना क्यों?
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इन्सान की क्या कीमत
इन्सान की क्या कीमत
Ashwini sharma
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
*प्रणय*
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
Ajit Kumar "Karn"
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
Loading...