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6 Jul 2017 · 1 min read

न जाने कहा जाना हैं

ट्रैन का सफर कितना अजीब होता है। ना । सब बेफ्रिक लोग अपबे ही सफर का मज़ा लेते हुए सफर करते है। किसी को ट्रैन में बाते करना पसंद है किसी को नई relestion बनाना पसंद है ।कोई न्यूज़ पेपर पड़ता रहता है । और कुछ लोग तो अपनी ही धुन में ऐसे खोये रहते हो जैसे । न उन्हें अपनी मंज़िल पता है और न ठिकाना । ओर बच्चो की बात करो तो उन्हें किसी से मतलब ही नही है मानो मस्ती मज़ाक हँसी ओर अपने म्मी papa से डाट खाने में ही निकल जाता है । इन्ही मुसाफिरों के बीच एक शक्स वो भी बैठी थी । जिसका नाम तो नही मालूम पर खुद में खोई हुई चुप चाप । ओर एक आँख से निकलते हुए उस छोटे से आँसू को शायद मेने देख लिया था । मेने मन ही मन सोचा कि कहा जाना होगा इसे ओर ये क्यों रो रही है। शायद उसका चुप चाप रोना किसी को दिखा नही । ओर कोई देख भी ले तो किसी को किसी की कहा चिन्ता हीती है ।

Language: Hindi
1 Like · 280 Views
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