न जाने कहाँ दोस्तों की महफीलें खो गई ।
न जाने कहाँ दोस्तों की महफीलें खो गई ।
न जाने कहाँ सारे रिश्तेदार खो गए ।
मोबाईल का जमाना ऐसा आया,
की सारे हमसफर को गए।
समाचार पत्र सिमट गए ,
सारे पुस्तकें सिमट गए,
मोबाईल का जमाना ऐसा आया
की सारे ज्ञान सिमट गए।
….✍️ योगेंद्र चतुर्वेदी