न चादर को बड़ा करना….
न चादर को बड़ा करना न ख्वाहिशें दफन करना!
ज़िन्दगी है चार दिन की बस मस्ती से बसर करना!
न करिये किसी को परेशां न हैरां किसी को करना!
कोई लाख बुरा चाहे बस मुस्कुरा कर विदा करना!
न रूठना किसी से न झूठा वादा किसी से करना!
फ़ुरसत के पल निकाल के खुद से भी मिला करना!
?-AnoopS©
14 Nov 2019