नज़र की बात करोगे
नज़र की बात करोगे सितमगर तो,
एक राह जुड़ जाएगी,
आवाज़ नही होगी दो नज़रो के बिच,
ये नज़र जुड़ जाएगी,
कहने को बहुत शिकवे शिकायत होंगे,
कही न जाएगी,
एक कदम तुम चलोगे एक कदम हम,
आहट सी आएगी,
जल पडेगा ज़माना जो हमारे लबों पे,
एक प्यारी सी हसी आएगी,
ज़िंदगी कहेगी तुम्हे सुभान अल्लाह,
तनहा की सुबह तभी आएगी,