न्याय
एक माँ के दो बच्चे हैं।
माँ का नाम धरणी है।
एक बच्चे का नाम न्याय है
दूसरे का नाम अन्याय है।
न्याय को ,
घृणा,दुःख,दर्द,निर्धनता प्राप्त हुई
फिर भी न्याय ने अपना विश्वास नही डिगाया
न्याय ने कष्ट और दु:ख को ही
अपनी प्रेरणा बनाया
मात-पिता के आशीर्वाद से आगे बढ़ पाया
पिता का नाम धर्म है।
अन्याय को आनंद,गौरव,धन, प्यार,प्राप्त हुआ।
अन्याय को माता पिता के आशीर्वाद की जरूरत नहीं पड़ी। वो भी आगे बढ़ा।
अन्याय को मिली सुंदर माया।इतनी सुन्दर माया
जिसपर अपना सबकुछ लुटाया
अन्याय लुटने के बाद बहुत पछताया
पश्चाताप से मिली सीख से उसमें सुधार आया
और वह न्याय के पास लौट आया
“अंत में न्याय की ही जीत होती है”
इस घटना ने सिध्द कर दिखाया।
दोनों ने सत्य और ज्ञान के साथ
विजय प्राप्त होने तक अनथक
परिश्रम किया
और अपने माता_पिता का
नाम रोशन किया।
जि. विजय कुमार,
हैदराबाद, तेलंगाना