न्याय
बढ़ते अपराधों का कारक, धन काले व्यवसाय का।
कर देते हैं कत्ल निर्दयी, सीधी-सादी गाय का।
लोग छीन लेते गरीब की, टूटी-फूटी झोपड़ी,
पैसे वाले निष्ठुरता से, गला घोटते न्याय का।
बढ़ते अपराधों का कारक, धन काले व्यवसाय का।
कर देते हैं कत्ल निर्दयी, सीधी-सादी गाय का।
लोग छीन लेते गरीब की, टूटी-फूटी झोपड़ी,
पैसे वाले निष्ठुरता से, गला घोटते न्याय का।