न्याय तो वो होता
न्याय तो , वो होता
सब साथ मिलकर लड़े थे,
अंग्रेजी हुकूमत से,
हम बसे है,
उनकी भी बसासत होती,
उनके स्मारक,
हम सबके है.
गर हम हिंद के वासी,
हिंदू
मुस्लिम
सिक्ख
इसाई से पहले भारतीय होते .।
विश्व में एक विचित्र पहचान के लिए,
भारत एक उदाहरण होता,
गर हम धार्मिक ना होते,
सभ्यता थी,
हमारी,
थोड़ी संस्कृति !
हम सूरज थे कभी !!
अब “चांद हैं,
जिसमें दाग है,
चाहे पूर्णिमा का ही !
क्यों न हो !!!
प्रकाश तो सूरज सा हो !!!!
Mahender Singh