Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2024 · 1 min read

न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुद

न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुदरती है! शेष सबकुछ बनावटी और व्यवहारिक आचरण मात्र है!
“मौज”

27 Views

You may also like these posts

पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
मैं हर पल हर कड़ में खुशी ढूंढता हूं
मैं हर पल हर कड़ में खुशी ढूंढता हूं
Ranjeet kumar patre
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पति पत्नी संवाद (हास्य कविता)
पति पत्नी संवाद (हास्य कविता)
vivek saxena
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
*मेरी कविता की कहानी*
*मेरी कविता की कहानी*
Krishna Manshi
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Snap chat वाली दोस्त
Snap chat वाली दोस्त
Sonu sugandh
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
सुबह का नमस्कार ,दोपहर का अभिनंदन ,शाम को जयहिंद और शुभरात्र
सुबह का नमस्कार ,दोपहर का अभिनंदन ,शाम को जयहिंद और शुभरात्र
DrLakshman Jha Parimal
मैं ख़ाक से बना हूँ
मैं ख़ाक से बना हूँ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
आने का संसार में,
आने का संसार में,
sushil sarna
मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है
मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है
Dr fauzia Naseem shad
POWER
POWER
Satbir Singh Sidhu
पंखुड़ी गुलाब की
पंखुड़ी गुलाब की
Girija Arora
*आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)*
*आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हर बूँद  भैरवी है - हर बूँद है मल्हार
हर बूँद  भैरवी है - हर बूँद है मल्हार
Atul "Krishn"
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
आओ, फिर एक दिया जलाएं
आओ, फिर एक दिया जलाएं
Atul Mishra
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
Phool gufran
..
..
*प्रणय*
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
-चरवेति-चरवेति आया 2024
-चरवेति-चरवेति आया 2024
Seema gupta,Alwar
तिमिर है घनेरा
तिमिर है घनेरा
Satish Srijan
3816.💐 *पूर्णिका* 💐
3816.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
पूर्वार्थ
सुप्रभात
सुप्रभात
Rituraj shivem verma
*श्रीराम*
*श्रीराम*
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
Loading...