नौजवानों से
बुद्धों और कबीरों के
कई क़र्ज़ चुकाने हैं
अभी तुम्हें!
औरतों और दलितों के
कई दर्द मिटाने हैं
अभी तुम्हें!
खुदकुशी के बारे में
सोच भी कैसे
सकते हो तुम?
मुल्क और समाज के
कई फर्ज़ निभाने हैं
अभी तुम्हें!
Shekhar Chandra Mitra
बुद्धों और कबीरों के
कई क़र्ज़ चुकाने हैं
अभी तुम्हें!
औरतों और दलितों के
कई दर्द मिटाने हैं
अभी तुम्हें!
खुदकुशी के बारे में
सोच भी कैसे
सकते हो तुम?
मुल्क और समाज के
कई फर्ज़ निभाने हैं
अभी तुम्हें!
Shekhar Chandra Mitra