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31 May 2024 · 1 min read

नैन

दोहे
——
नैना से नैना मिले, हुए बेखबर गात ।
बीच डगर में हो पड़ी, नैनन ही से बात।१।

नैनों में है शोभती, यू काजर की रेख।
प्रतिपदा के चांद सी, मैं हरषाऊं देख ।२।

पहले नयनों को मिला, बोले मीठे बैन ।
नजर झुकाकर फिर कहो, शरमाये क्यों नैन।३।

गहरे सागर से दिखे, हिरणी जैसे नैन ।
एक बार जो पड़ी नजर, टूटा हिय का चैन।४।

हाला की प्याली सरिस, नैन करे मदहोश।
होना ही था बावला, नहीं ज़िगर का दोष।५।

नैन नशीले एक तरफ, और गठीला गात ।
नैन मिलाकर नैन से, जी भर कर लूं बात।६।

कारे – कारे नैन हैं, कजरारे से खूब ।
लगे उदधि से भी गहन, कहीं न जाऊं डूब।७।

आये नहिं परदेश से, बीत रहा मधुमास ।
नैन थके मग देखते, पिया मिलन की आस।८।

पिया बिना भाये नहीं, कोकिल के मृदु बैन ।
नित सुयोग की आस में, बाट निहारत नैन ।९।

पिया मिलन की आस में, मनुवा यूं बेचैन ।
राह निहारे स्वाति की, ज्यों चातक के नैन।१०।

– नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
122 Views
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