नैन तेरे मधु के प्याले
*** नैन तेरे मधु के प्याले ***
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तेरे नैन मधु के भरे प्याले,
पीते हैं भर भर मय मतवाले।
झूम जाते देख कर दीवाने,
जान कर देते तेरे हवाले।
रोशन हो जाएं रोशनी में तेरी,
मिट जाते हैं आँखों के जाले।
सुनकर मिसरी जैसे बोल तेरे,
खुल जाते कानों के बंद ताले।
देख कर रंग रूप का जलवा,
होश खो देते सभी दिलवाले।
मनसीरत ने है सुध बुध खोई,
जान छिड़कते है देखने वाले।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)