नैतिक-मूल्य–हाइकु छंद
1-
रूठो न कभी
जीवन अति लघु
मिलो तो सभी
2-
प्रकृति देख
सब लुटाती हमें
चलें ये रेख
3-
बीच राह में
छोड़ो न किसी को भी
समझो अभी
4-
रूप बदले
इतराओ नहीं
मानो पगले
5-
खर्चे कम न
आय बढ़ाओ तुम
तनाव गुम
6-
लचीले बनो
समय देख चलो
यूँ फूलो-फलो
7-
सोच ज़ादू है
कैसी भी हो चौंकाए
तोड़े मिलाए
8-
तीर-से चलो
दुख दीवार छेदो
सुख सहेजो
9-
मान कीजिए
मान मिलेगा ख़ूब
सम हो डूब
10-
कोई न छोटा
काँटा भी होता बड़ा
चुभा रो खड़ा
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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