नैतिकता
सर्तकता से है इसका गहरा नाता,
इंसा में इंसानियत लाने का जो बनी आधार,
धर्म ,समाज का वास्तविक मर्म है यह,
हमारी अंतरात्मा की सत्यता का सार हैं यह
बुद्ध गांधी कलाम के जीवन का सार है जो,
विवेकानन्द के बढ़ते कदमो की जान थी जो,
वरीयता बन रही वर्तमान समाज के प्रत्येक वर्ग की
यह,
राष्ट्रभक्ति को राष्ट्रधर्म सिखला रही है यह,
प्राचीन से आधुनिक तक भारत का सहारा बन राह
दिखलाई जिसने,
विश्व में पताका फहराने का हमें मौका दिया उसी
नैतिकता ने
हुई शर्मसार वो विभिन्न परिस्थितियों में कई बार,
पर उस पतन के बाद उत्थान हुआ इसका हर बार,
सामाजिक विविधता की राह दिखा रही अब यह,
प्रत्येक देशवासी में राष्ट्र नैतिकता का रुप ले रही यह,
है अचंभित सब नैतिकता के बढ़ते वर्चस्व से, ।
हो रहा एहसास अब हैं अस्तित्व हमारा इसी नैतिकता
से।”
2020-04-30